BA Semester-5 Paper-1 Physical Education - Athletic Injuries and Physiotherapy - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सा - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2805
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सा - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 11

उपचार के तरीके

(Modalities of Treatment)

प्रश्न- विद्युत चिकित्सा एवं अवरक्त चिकित्सा से आप क्या समझते हैं? इन्फ्रारेड किरणों के साथ चिकित्सा उपचार का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

विद्युत चिकित्सा

विद्युत चिकित्सा में विद्युत ऊर्जा को उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है। विद्युत ऊर्जा जो किसी विशेष उपकरण से मस्तिष्क सम्बन्धी बीमारी को ठीक करने के लिए दवा के रूप में इस्तेमाल व उपयोग करते हैं। लेकिन आधुनिक युग में विद्युत ऊर्जा का उपयोग कई तरह से किया जाता है। विद्युत ऊर्जा को गहरे घाव को भरने में तेजी लाने के लिए भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त विद्युत चिकित्सा शब्द को 'विद्युत चुम्बकीय चिकित्सा के रूप में भी जाना जाता है। विद्युत चिकित्सा के उपकरणों के द्वारा कई प्रकार के उपचार में उपयोग किया जाता है, लेकिन विद्युत चुम्बकीय चिकित्सा हड्डी से सम्बन्धित किसी भी उपचार के लिए प्रभावी नहीं पाया गया है।

विद्युत चिकित्सा मुख्य रूप से मांसपेशियों में ऐंठन, रक्त परिसंचरण को बढ़ाने के लिए, मांसपेशियों में उत्तेजना को बनाए रखने और गति की सीमा बढ़ाने में वृद्धि के लिए और पुरानी तथा पेचीदा दर्द के प्रबन्धन, घाव के तीव्र दर्द, पोस्ट सर्जिकल तीव्र दर्द, घाव भरने और तत्काल शल्य चिकित्सा के रूप में उपयोग किया जाता है। बिजली यानि विद्युत को उपचार के रूप में 1967 को 'मिडिलसेक्स' अस्पताल में एक विशेष उपकरण के द्वारा उपयोग में लाया गया था। इसी तरह दस साल बाद सेंट ब्राथलोंमिस ने इस उपचार पद्धति को अपनाया था। बाकी के अन्य कोई रिकार्ड चिकित्सकीय रूप में स्पष्ट नहीं हैं।

कैन्सर के इलाज के क्षेत्र में, विद्युत की प्रत्यक्ष धारा तकनीक का प्रयोग 1959 में हुआ था। साइन्स जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार 60 प्रतिशत ट्यूमर कुल संख्या का भाग है, जो प्रारम्भिक में किए अध्ययन से अधिक था। 1985 में जर्नल कैन्सर रिसर्च में सबसे उल्लेखनीय अध्ययन प्रकाशित किया था, जिससे 98 प्रतिशत ट्यूमर पशु में डीसी विद्युत चिकित्सा के द्वारा पांच दिन में पांच घंटे के लिए दिया गया था। कैन्सर के इलाज में डीसी विद्युत चिकित्सा कदम दर कदम नई युक्तियों का प्रयोग करते हैं। 1999 में मेटा-विश्लेषण में पाया गया है कि विद्युत चिकित्सा के द्वारा घावों के उपचार में गति मिलती है। 2000 में डच चिकित्सा परिषद ने पाया कि विद्युत चिकित्सा व्यापक रूप से इस्तेमाल की जा रही है और वहाँ के लोग इससे फायदा लेते हैं। उस समय के बाद कुछ प्रकाशनों में यह ज्यादा उभरा है और इसकी क्षमता का समर्थन करते हैं। लेकिन इससे सम्बन्धित कोई डेटा नहीं है या दुर्लभ है। विद्युत चिकित्सा का उपयोग शोध किया गया और स्वीकार किया गया है, जो पुनर्वास के क्षेत्र में उपयोग में लाया जाता है।

अमेरिकी शारीरिक थेरेपी एसोसिएशन विद्युत चिकित्सा के उपयोग को स्वीकार करते हैं और किस-किस के लिए उपयोग करते हैं, वह निम्नलिखित के अनुसार है-

1. दर्द प्रबन्धन-

(i) जोड़ों की हलचल के स्तर में सुधार।

2. नाड़ी सम्बन्धी रोग का उपचार-

(i) ताकत व शक्ति में सुधार।
(ii) मोटर नियंत्रण में सुधार।
(iii) रक्त प्रवाह में सुधार।

3. संयुक्त गतिशीलता के स्तर में सुधार- 

(i) कोमल ऊतकों में दोहरी

4. ऊतकों की मरम्मत- 

(i) घावों को ठीक करने व भरने के लिए प्रोटीन संश्लेषण को बढ़ाता है।
(ii) घायल ऊतकों की रक्त प्रवाह में वृद्धि।
(iii) संयोगी ऊतकों के द्वारा त्वचा में सुधार।

5.अन्य

(i) अन्वेषण दर में वृद्धि-
(ii) रक्त वाहिका की पारगम्यता को प्रभावित करता है।
(iii) प्रोटीन व रक्त कोशिकाओं में लसीका प्रवाह की गतिशीलता बढ़ जाती है।

6. चक्रिय रक्त का प्रवाह-

(i) धमनियों और शिराओं व लसीका में प्रवाह नियमित होता है।

7. इन्टोफोरेसिस या योगोग्निसिस- 

(i) औषधीय घटकों की डिलीवरी।
(ii) डीसी के माध्यम से त्वचा तक आयात।
(iii) आम दवाओं का उपयोग सिरका अम्ल, लाइडोकेन।

8. मूत्र और मल असंयम-

(i) पैल्विक दर्द को कम करने और मांसलता को मजबूत करने के लिए।
(ii) उपचार को पूरा करने के लिए जो इससे सम्बन्धित है।

9. लसीका जल निकासी-

(i) लसीका प्रणाली को उत्तेजित करना, जिससे एडीमा कम हो जाए।

अवरक्त चिकित्सा

इन्फ्रारेड थेरेपी या अवरक्त चिकित्सा में 'किरणों' 'Rays' का उपयोग करके शरीर से डिटोक्स व उत्तेजना के द्वारा ठीक किया जाता है और दिमाग का भी कुछ हद तक इलाज किया जाता है। एक प्राचीन तकनीक सुदूर इन्फ्रारेड थेरेपी के द्वारा शरीर के तापमान को थोड़ा-सा ऊपर उठाया जाता था। जब हम शरीर तापमान को थोड़ा-सा बढ़ाते हैं या वृद्धि करते हैं, तो हम कई स्तरों पर शरीर से कामकाज बढ़ा सकते हैं। हमारे हाथ पांव व शरीर सूरज से हर समय इस ऊर्जा का उत्सर्जन करते हैं। प्राचीन काल के समय में हथेली के घर्षण या पांव के तलवे से इन किरणों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरण करते थे। लेकिन आधुनिक समय में आम तौर पर इन किरणों को रेकी के नाम से जाना जाता है। प्राचीन भारत के योगी भी इस प्रक्रिया को आंखों के सूखापन व तनाव के समय में इस्तेमाल करते थे। जिससे व्यक्ति तनावमुक्त होने के साथ-साथ नई ऊर्जा से कार्य करने को तैयार हो जाता है। थर्मल उपचार के कई प्रकारों को प्राचीन सभ्यताओं ने इस्तेमाल किया है, जिसमें जापान, चीन, भारत, अमेरिका, उत्तरी यूरोप और प्राचीन रोम आदि हैं।

इन्फ्रारेड किरणों के साथ चिकित्सा उपचार-

(1) चयापचय - जीवन समर्थन प्रक्रिया है। चयापचय जिसके द्वारा शरीर में कई तरह के पदार्थों का आदान-प्रदान होता है। अवरक्त किरण या इन्फ्रारेड किरण इस प्रक्रिया को सुचारु रूप से सक्रिय कर देती है।

(2) रक्त परिसंचरण - इसमें किरणें रक्त परिसंचरण में सुधार लाती हैं और इस संस्था को मजबूत और अपशिष्ट पदार्थों और हानिकारक वसा को खत्म कर सकते हैं।

(3) उच्च रक्तचाप - उच्च रक्तचाप और धमनीकाठिन्य मध्यम आयु वर्ग के लोगों में हृदय रोग और गुर्दे की परेशानी का प्रमुख कारण होते हैं। रक्त परिसंचरण में सुधार से रक्तचाप को कम करने में मदद करती है। स्वतः तंत्रिका प्रणाली काफी हद तक उष्मीकरण के प्रभाव से इसमें मदद करती है।

(4) निम्न रक्तचाप - कम रक्तचाप के लक्षण व्यक्ति को लगातार चक्कर आना थकान है। इस परिस्थिति में आमतौर पर आराम पर्याप्त नींद के अलावा कोई अच्छा इलाज नहीं है। फिर भी यदि आपको इन परेशानियों से दूर रहना चाहते हैं तो इन्फ्रारेड किरण की गर्मी से उपचार के दौरान पसीने को बढ़ावा देने से इसे सामान्य करने के लिए मदद मिलती है।

(5) कैन्सर की रोकथाम - यह माना जाता है कि हर व्यक्ति के शरीर में कुछ स्वस्थ कोशिकाओं के बीच में कैन्सर की कोशिकाएं मिश्रित होती हैं। यदि हम कमजोरी की स्थिति में अधिक खाने से और थकान में हैं, तो हम हानिकारक खाद्य उत्पादों का उपयोग व संचय करने से कैन्सर होने की सम्भावना बढ़ने लगती है। इन्फ्रारेड किरणों के द्वारा स्वस्थ कोशिका को नुकसान पहुँचाए बिना कमजोर कैन्सर की कोशिकाओं को खत्म किया जा सकता है।

 (6) मधुमेह - मधुमेह रोग चयापचय समस्याओं के कारण होता है। हालांकि परिणाम तत्काल नहीं है। यह रोग भी इन्फ्रारेड किरणों के कारण आने वाले पसीने से धीरे-धीरे कम करके इसके लक्षणों को कम करने में बहुत उपयोगी होती है।

(7) रजोनिवृत्ति - जब किसी महिला की उम्र 40-50 साल तक पहुँच जाती है, तो वह आमतौर पर, चक्कर आना, सिर में दर्द और घबराहट महसूस करना जैसे लक्षण अनुभव करती है। लेकिन ये लक्षण इन्फ्रारेड किरण चिकित्सा के साथ-साथ समय की छोटी-सी अवधि के भीतर मुक्त किया जा सकता है।

(8) तनाव - तनाव के कारण लाखों लोगों की मृत्यु साल दर साल बढ़ती जा रही है। कई प्रकार की बीमारियां सरल तनाव का परिणाम है। चिकित्सा जगत में 75 प्रतिशत लोगों की राय यह है कि तनाव के कारण कई अन्य बीमारियों का जन्म होता है और कई जाने व अनजाने में मृत्यु का कारण बन जाते हैं।-

इन्फ्रारेड वेव किरणों के द्वारा तनाव को बहुत कम या खत्म किया जा सकता है और इसके उपयोग से पसीना निकलने और आराम करने से शारीरिक व मानसिक रूप से अपने को तनावमुक्त कर सकते हैं, जिससे यह शरीर को अच्छा अनुभव करवाता है। अर्थात् शरीर में स्फूर्ति व ताजगी महसूस होती है। इसी कारण हम अपने आप को और दूसरों को तनावमुक्त कर सकते हैं, जिससे मृत्युदर को कम करने में वह लाभदायक सिद्ध होगा।

(9) यातायात दुर्घटना के शिकार - नकारात्मक आयन उपचार के द्वारा दुर्घटना से ग्रसित व्यक्तियों को स्वायत्त तंत्रिका तंत्र को नुकसान से बचाने के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकता है। स्वायत्त तंत्रिका तंत्र के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए आयन उपचार सबसे लाभकारी व उल्लेखनीय सिद्ध होता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- खेलों में लगने वाली सामान्य चोटों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  2. प्रश्न- खेलों के दौरान चोटों की रोकथाम करने के सामान्य सिद्धान्त क्या हैं?
  3. प्रश्न- खेलों में चोट की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
  4. प्रश्न- खेलों में लगने वाली सामान्यतः चोटों के दो कारणों का उल्लेख कीजिये।
  5. प्रश्न- स्पोर्ट्स फिजियोथेरपी से आप क्या समझते हैं?
  6. प्रश्न- खेल चिकित्सा विज्ञान से आपका क्या अभिप्राय है?
  7. प्रश्न- एथलेटिक चोटों से आपका क्या अभिप्राय है? यह कितने प्रकार की होती हैं?
  8. प्रश्न- ट्रॉमेट्रिक इंजरी से आप क्या समझते हैं? इसके अन्तर्गत कौन-कौन सी चोटें आती हैं?
  9. प्रश्न- अवधि के आधार पर चोटें क्या हैं? यह कितने प्रकार की होती हैं?
  10. प्रश्न- ऐंठन (Cramp) से क्या अभिप्राय है? इसके क्या कारण हैं?
  11. प्रश्न- सनबर्न (Sunburn) से आपका क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख लक्षण और होने वाली समस्याओं का वर्णन कीजिये?
  12. प्रश्न- चोट लगने के क्या लक्षण होते हैं?
  13. प्रश्न- चोट लगने के जोखिम के प्रमुख कारक कौन-से हैं?
  14. प्रश्न- खेल में चोट से क्या तात्पर्य है। इसके विभिन्न भेदों का वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- खेल चोटों के प्रकारों को स्पष्ट करते हुए डिसलोकेशन व स्प्रेन के कारण, लक्षण व उपचार का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- सामान्य खेल चोटों के उपचार पर टिप्पणी लिखिए।
  17. प्रश्न- खेल में चोटों के प्रकार पर टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- मुख्य खेल चोटें कौन-सी हैं? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- खेल चोटें पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  20. प्रश्न- खेलों में चोटें क्या होती है?
  21. प्रश्न- स्नायुबंधन मोच से आप क्या समझते है? इसके लक्षण व निदान का वर्णन कीजिये?
  22. प्रश्न- मांसपेशिय तनाव से आप क्या समझते हैं? मांसपेशिय तनाव के कारण और निवारण से संक्षिप्त लेख लिखें।
  23. प्रश्न- टेण्डन और लिंगामेन्ट में क्या अन्तर है?
  24. प्रश्न- कन्धे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) से आपका क्या अभिप्राय है? इसके लक्षणों का वर्गीकरण कीजिये?
  25. प्रश्न- पीठ (पीछे) के तनाव से आप क्या समझते हैं?
  26. प्रश्न- टेनिस एल्बो से आपका क्या अभिप्राय है? टेनिस एल्बो के लक्षण और निदान का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
  27. प्रश्न- गोल्फर की कोहनी क्या है? इसके कारण, लक्षण और निदान पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये?
  28. प्रश्न- टेनिस एल्बो और गोल्फर एल्बो में क्या अन्तर है?
  29. प्रश्न- "धावक का घुटना" से आपका क्या अभिप्राय है? इसके लक्षणों और उपचार को समझाइये?
  30. प्रश्न- पिंडलियों में दर्द से आपका क्या अभिप्राय है? इसके कारण व लक्षणों का वर्णन कीजिये?
  31. प्रश्न- फफोले क्या हैं? इनसे बचाव के उपाय बताये?
  32. प्रश्न- छालों से आप क्या समझते हैं? छालों के कारण, लक्षण और बचाव के सामान्य उपायों को समझाइये?
  33. प्रश्न- रक्त गुल्म क्या है? इसके कारण और लक्षणों पर प्रकाश डालिये?
  34. प्रश्न- प्राथमिक सहायता से आपका क्या अभिप्राय है? इसके क्षेत्र व आवश्यक सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
  35. प्रश्न- प्राथमिक सहायक (चिकित्सक) के कर्त्तव्यों का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- प्राथमिक सहायक के गुणों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
  37. प्रश्न- एक प्राथमिक सहायता देने वाले के रूप में आप अपने मित्र की निम्न स्थितियों में कैसे सहायता करेंगे? (1) मोच (3) घाव (2) हड्डी का टूटना (अस्थि भंग) (4) सर्प दंश या साँप का काटना।
  38. प्रश्न- रक्त स्त्राव के बाह्य और आंतरिक कारणों पर प्रकाश डालिए। आप इसके लिए प्राथमिक सहायता कैसे देंगे? स्पष्ट कीजिए।
  39. प्रश्न- खिंचाव व मोच से आप क्या समझते हैं? इसकी विस्तृत विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सा में उपचार की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए इनके आवश्यक उपकरणों का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सा की परिभाषा एवं अर्थ स्पष्ट करते हुए एक अच्छे प्राथमिक चिकित्सक के गुणों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- 'प्राथमिक चिकित्सा' को परिभाषित कर उसके मुख्य घटकों का उल्लेख कीजिये तथा शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद में प्राथमिक चिकित्सा की अपरिहार्यता पर समालोचनात्मक मत प्रकट कीजिये।
  43. प्रश्न- प्राथमिक उपचार का अर्थ एवं परिभाषा स्पष्ट कीजिए।
  44. प्रश्न- प्राथमिक सहायता से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- प्राथमिक सहायता की आवश्यकता व महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  46. प्रश्न- प्राथमिक सहायता के क्षेत्र का उल्लेख कीजिए।
  47. प्रश्न- अस्थि भंग का उल्लेख कीजिए।
  48. प्रश्न- अस्थि-विस्थापन पर टिप्पणी कीजिए।
  49. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सक के गुणों का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सक की प्राथमिकताएँ स्पष्ट कीजिए।
  51. प्रश्न- हड्डी उतरने पर प्राथमिक चिकित्सा पर टिप्पणी लिखिए।
  52. प्रश्न- W.H.O. पर टिप्पणी लिखिए।
  53. प्रश्न- आसन से आप क्या समझते हैं? अच्छे आसन की उपयोगिता की विवेचना कीजिए।
  54. प्रश्न- अनुचित आसन के कारणों, प्रभावों एवं हानियों को विस्तार से समझाइये |
  55. प्रश्न- आसन सम्बन्धी विकृतियों से आप क्या समझते हैं? आसन सम्बन्धी विकृतियों के कारण तथा उनके उपचार का वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- लार्डोसिस तथा सपाट पाँव के कारणों का उल्लेख कीजिये तथा इन्हें दूर करने के लिए उपचारात्मक व्यायामों का वर्णन कीजिये।
  57. प्रश्न- उचित आसन के क्या लाभ हैं? स्पष्ट कीजिए।
  58. प्रश्न- उचित आसन एवं अनुचित आसन से आप क्या समझते हैं? अनुचित आसन से हानियाँ स्पष्ट कीजिए।
  59. प्रश्न- अनुचित आसन के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
  60. प्रश्न- अग्रकुब्जता या धँसी हुई कमर विकृति पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  61. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणियाँ लिखिए
  62. प्रश्न- आसन को समझाते हुए आसनीय विकृतियों के नाम लिखिए।
  63. प्रश्न- पीठ दर्द क्या है? पीठ दर्द क्यों होता है? इसके उपचार को सरल शब्दों में समझाये।
  64. प्रश्न- गर्दन के दर्द से आपका क्या अभिप्राय है? इसके कारण, उपचार और प्रमुख योगासन का वर्णन कीजिये।
  65. प्रश्न- अनुचित मुद्रा से कौन-कौन से विकार उत्पन्न हो जाते हैं?
  66. प्रश्न- अनुचित मुद्राओं को कैसे सुधारें?
  67. प्रश्न- सामान्य मुद्रा में सुधार के उपायों का वर्णन कीजिये?
  68. प्रश्न- अनुचित मुद्रा क्या है? इसके लक्षण बताइये।
  69. प्रश्न- पुनर्वास को परिभाषित करते हुए इसके उद्देश्य एवं क्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  70. प्रश्न- चोट पुनर्वास से आप क्या समझते हैं? विस्तृत विवेचना कीजिए। चोट पुनर्वास की विधियों पर टिप्पणी लिखिए।
  71. प्रश्न- खेल चोट पुनर्वास में ठण्डी चिकित्सा (क्रायोथेरेपी) की तकनीक व प्रभाव का वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- आर. आई. सी. ई. से आप क्या समझते है?
  73. प्रश्न- DRABC से आपका क्या तात्पर्य है? इसके चरणों का वर्णन कीजिये?
  74. प्रश्न- शीत चिकित्सा पर टिप्पणी लिखिए।
  75. प्रश्न- पुनर्वास क्या है? पुनर्वास काउंसिल ऑफ इंडिया का रोल स्पष्ट कीजिए।
  76. प्रश्न- चोट पुनर्वास के लक्ष्य स्पष्ट कीजिए।
  77. प्रश्न- पट्टियों के प्रकार की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  78. प्रश्न- टैपिंग क्या है? इसके उद्देश्य, और सिद्धान्तों का संक्षेप में वर्णन कीजिये।
  79. प्रश्न- इलास्टिक चिकित्सीय टेप क्या है?
  80. प्रश्न- कायिक चिकित्सा' शब्द को परिभाषित कीजिए और इसके सहायक सिद्धान्तों को विस्तार से लिखिए।
  81. प्रश्न- शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में 'कायिक चिकित्सा' का क्या महत्त्व है?
  82. प्रश्न- कायिक चिकित्सा का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- कायिक चिकित्सा के महत्त्व का वर्णन कीजिए।
  84. प्रश्न- प्रतिरोधी व्यायाम को स्पष्ट करते हुए इसकी तकनीकी का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- मालिश से क्या समझते हैं? मालिश के सामान्य विचारों के बारे में संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- मालिश के प्रकार को दर्शाते हुए किन्हीं चार प्रकारों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- मालिश के प्रभाव से आप क्या समझते हैं? शरीर के विभिन्न अंगों पर पड़ने वाले प्रभाव का वर्णन कीजिए।
  88. प्रश्न- मालिश के निम्न प्रकारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए-
  89. प्रश्न- मालिश का परिचय दीजिए।
  90. प्रश्न- मालिश के संक्षिप्त इतिहास का वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- रगड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- मालिश के रक्त संचरण व पेशी तंत्र पर पड़ने वाले प्रभाव को लिखिए।
  93. प्रश्न- मालिश के सिद्धान्त पर टिप्पणी लिखिए। मालिश के सिद्धान्त क्या हैं?
  94. प्रश्न- मालिश के प्रतिषेध से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  95. प्रश्न- खेलों में मालिश पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  96. प्रश्न- जल चिकित्सा का अर्थ एवं इसका उपयोग स्पष्ट कीजिए।
  97. प्रश्न- शीत चिकित्सा या क्रायोथ्रेपी से आप क्या समझते हैं? शीत चिकित्सा की उपचार तकनीक और इलाज में उपयोग एवं प्रभाव की विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- थर्मोथैरेपी उपचार के परिचय और प्रदर्शन के बारे में लिखिए।
  99. प्रश्न- थर्मोथैरेपी पर टिप्पणी लिखिए।
  100. प्रश्न- सौना स्नान का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- ठंडा और गर्म स्नान पर टिप्पणी लिखिए।
  102. प्रश्न- 'भंवर स्नान' चिकित्सा विधि का उल्लेख कीजिए।
  103. प्रश्न- भाप स्नान से आप क्या समझते हैं? इसके लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  104. प्रश्न- विद्युत चिकित्सा एवं अवरक्त चिकित्सा से आप क्या समझते हैं? इन्फ्रारेड किरणों के साथ चिकित्सा उपचार का वर्णन कीजिए।
  105. प्रश्न- डायथर्मी चिकित्सा से आपका क्या अभिप्राय है? डायधर्मी के प्रकार का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- पराबैंगनी किरणों से आप क्या समझते हैं? परागबैंगनी किरणों के द्वारा उपचार का वर्णन कीजिए।
  107. प्रश्न- विद्युत चिकित्सा पर टिप्पणी लिखिए।
  108. प्रश्न- अल्प तरंग डायथर्मी का वर्णन कीजिए।
  109. प्रश्न- इन्फ्रारेड किरणों का लाभ स्पष्ट कीजिए।
  110. प्रश्न- शार्ट वेव डायथर्मी के उपयोग को स्पष्ट कीजिए।
  111. प्रश्न- उपचारिक व्यायाम के क्षेत्र और वर्गीकरण की विवेचना कीजिए।
  112. प्रश्न- उपचारिक व्यायाम को परिभाषित कीजिए और इसके सिद्धान्तों एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
  113. प्रश्न- मांसपेशियों के पुनर्वास और मजबूती के लिये योग आसन के साथ चिकित्सीय महत्व का वर्णन कीजिये।
  114. प्रश्न- योग में पुनर्वास क्या है? समझाइये?
  115. प्रश्न- उपचारिक व्यायाम के विभिन्न उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
  116. प्रश्न- उपचारिक व्यायामों का प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
  117. प्रश्न- प्रतिरोधी व्यायाम से आप क्या समझते हैं? प्रतिरोधी व्यायाम की तकनीक को स्पष्ट कीजिए।
  118. प्रश्न- मुक्त व्यायाम की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  119. प्रश्न- पुनर्वास क्या है इसकी आवश्यकता किन रोगों में होती है?
  120. प्रश्न- योग हमारे जीवन को किस प्रकार प्रभावित करता है?
  121. प्रश्न- ताड़ासन का संक्षेप में वर्णन कीजिये?
  122. प्रश्न- कुक्कुटासन की विधि और लाभ वर्णन कीजिये।

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